- शारदीय नवरात्रि में घट स्थापना कैसे करे ? | Kalash Sthapna in Navaratri
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त्योहार
नवरात्रि की शुरुआत घट स्थापना के साथ ही होती है। घट स्थापना को कलश स्थापना भी कहा जाता है। घट स्थापित करके शक्ति की देवी का आह्वान करना होता है। मान्यता है कि गलत समय में घट स्थापना करने से देवी माँ क्रोधित हो सकती हैं।
एक बार माँ पार्वती ने श्री गणेश से पूछा, हे पुत्र! माघ बदी चौथ जिसे तिल चौथ, माही चौथ और संकट चौथ भी कहा जाता है के व्रत का विधान क्या है और इस चौथ का नाम तिल चौथ क्यों हुवा? तब रिद्धि सिद्धि के दाता गजानन ने बताया कि इस व्रत को करने से समस्त बाधाये दूर होती है साथ ही संतान की प्राप्ति के लिए तिल...
कहा जाता है कि आदि अनादि काल तक शिव ही सत्य है। भगवान शिव के प्रति सबको सच्ची आस्था है इसलिए ही शक्ति स्वरूप शिव-शंकर को अनंत माना गया है। पुराणों के अनुसार भगवान शिव को सृष्टि के सृजनकर्ता कहा गया हैं जिनकी पूजा और भक्ति से हमारे समस्त कष्ट दूर हो जाते है। शिव जिनसे...
चैत्र शुक्ल द्वितीया से सिंधी नववर्ष प्रारम्भ होता है। जिसे चेटीचंड के नाम से जाना जाता है। चैत्र मास को सिंधी में "चेट" कहा जाता है और चांद को "चण्डु", इसलिए चेटीचंड का अर्थ "चैत्र का चांद" होता है |
दर्शनीय स्थल
कहते हैं, शिव की आराधना करने से हमारे सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और हमारी जो भी मनोकामनाएं है वह पूरी होती है। हमारे त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश इनके आधार पर ही यह दुनिया चलती है। इनका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ ना दिखाई देने वाली शक्ति की तरह होता है। जिसका एहसास हमें...
शिव ब्रह्मांड के स्वामी हैं, वे ऊर्जा, शक्ति, स्थिरता और शांति के एकमात्र स्रोत हैं। ब्रह्मांड एक बड़े परमाणु की तरह है और शिव ब्रह्मांड के केंद्र में मौजूद हैं। शिव एक नाभिक हैं, इस परमाणु का एक केंद्रीय हिस्सा हैं, वह इस ब्रह्मांड का भार उसी तरह संभाल रहे हैं जैसे प...
भारतीय योग पद्धति अपनाएं, जीवन को खुशहाल बनाएं
मसूड़ों में खून निकलना और सूजन आना
1/4 चम्मच हल्दी पाउडर, 1 चुटकी नमक, 2-3 बूंद सरसों का तेल लें, सबको अच्छी तरह मिलाएं और प्रतिदिन दांतों और मसूड़ों पर धीरे-धीरे मालिश करें। इससे दांत सफेद और मसूड़े मजबूत हो जाते हैं।
बालों का झड़ना
1/2 kg नारियल का तेल और 50 ग्राम करी पत्ते (मिठा नीम), दोनों को 5 मिनट साथ उबालें और फिर तेल को ठंडा होने दें। फिर उस तेल को छान कर एक बोतल में भरदे। सप्ताह में दो बार मालिश करें। बाल मजबूत होंगे और चमकदार भी बनेंगे।
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वनदेवी मां अंगार मोती परम तेजस्वी 'ऋषि अंगिरा' की पुत्री हैं। जिनका आश्रम, सिहावा के पास गंढाला में स्थित है। कहते हैं कि, मां अंगार मोती एवं मां विंध्यवासिनी दोनों बहने हैं। कहा जाता है कि, देवी का मूल मंद...
शक्ति पीठों की इस श्रृंखला में, अगला नाम "अंबिकापुर की माँ महामाया" का आता है। जिनका एक नाम अंबिका भी है। जिनके नाम पर यह शहर, अंबिकापुर कहलाया। महामाया मंदिर की स्थापना १५वी शताब्दी के आसपास हुई थी। यह एक जागृत एवम् स...