सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों जैसे व्हाट्सअप, फेस बुक मैसेंजर, वी चैट, इंस्टाग्राम आदि से जहां लोग आपस में जुड़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ इससे धोखाघड़ी, ब्लैक मेल, धमकियाँ देने, बदनाम करने जैसे कृत्यों को अंजाम देना भी आसान हो गया है। महिलाऐं इसका सॉफ्ट टारगेट बनती हैं क्योंकि इससे महिलाओं की प्रतिष्ठा खराब करना सबसे आसान होता है। किसी के न चाहने पर भी बार बार फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना और मैसेज करना आजकल बहुत आम बात हो गयी है परन्तु लड़कियों के लिए यह बहुत परेशानी का कारण बन जाता है।
मनुष्य, प्रकृति, वृक्षों और पौधों का अटूट रिश्ता है। वास्तु शास्त्र के अंतर्गत वृक्षों और पौधों को उनकी संबंधित दिशा में लगाकर शुभ फल प्राप्त किए जा सकते हैं। पेड़, पौधों का वास्तु सुधार में सदैव से ही बड़ा योगदान रहा है । सर्व रोग निवारण तुलसी घर की चारदीवारी में ईशान कोण में लगाना इसका सबसे उत्तम प्रभाव है।
फारसी शब्द ‘हिन्द’ से ही हिन्दी शब्द की उत्पत्ति हुई है जिसका अर्थ ‘सिंधु नदी की भूमि’ होता है। हिन्दी संस्कृत का अपभ्रंश है। संस्कृत को देवों की भाषा भी कहा जाता है। हिन्दी और संस्कृत दोनों को देवनागरी लिपि में ही लिखा जाता है। देवनागरी लिपि का मतलब होता है देवों के यहां लिखी जाने वाली लिपि |
वर्ण हिन्दी भाषा में उपयोग आने वाली सबसे छोटी इकाई है और वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन से मिलकर बनती है। हिंदी में वर्णों (स्वर और व्यंजन) के उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण होते हैं। इनमें 10 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं। लेखन के आधार पर 52 वर्ण होते हैं इसमें 13 स्वर , 35 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।
भारतीय संस्कृति में गुरु का महत्वपूर्ण स्थान है। मनुष्य का गुरु से सबंध को सांसरिक सबंध से भी बढ़कर बताया गया है। कबीर दास ने तो यहां तक माना है कि
गुरु मिला तो सब मिला, नहीं तो मिला न कोय।
मात पिता सुत बान्धवा ये तो घर घर होय।।
विश्व में अनेको देशों में अलग अलग दिन यह दिवस मनाया जाता है । परंतु भारत में यहाँ के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पाँच सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है
विश्व में विकास की इस अंधी दौड़ में प्रकृति छिन्न-भिन्न हो रही है लेकिन हमारी परंपराओं ने हमें गहरे संकट के समुद्र में डूबने से कुछ हद तक रोका है। प्रत्येक हिन्दू परम्परा के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक रहस्य छिपा रहता है। पृथ्वी का आधार जल और जंगल है इसलिए हिंदू संस्कृति में वृक्षों और जल को महत्व दिया गया।
जाने किसने उसका नाम निर्मला रखा था ? लोग उसे ये नीरमाला - "ये नीरमाला बुलाते। मुझे भी ये सुनने की इतनी आदत हो गई थी कि कई बार उसे आवाज़ देते हुए मैं भी पुकार उठती थी ,” ये नीरमाला कहाँ बाडू हो ?
शताब्दियों पूर्व आज ही के दिन 26 Sept(वर्तमान में प्रचलित आँग्ल कैलेंडर के अनुसार) वीर भूमि चित्तौड़गढ़ में विश्व इतिहास का प्रथम जौहर हुआ। माता पद्मिनी के नेतृत्व में 16000 से अधिक तपस्विनी मातृशक्तियों नें स्वयं को अग्निकुण्ड में समर्पित कर स्वाभिमान
परिवार समाज का आधार स्तम्भ है। भारत में प्राचीनकाल से संयुक्त परिवार की समृद्ध परम्परा रही है जिसमें सुख-दुःख,संपत्ति,त्योहार,निवास इत्यादि साझा होते। कृषि मुख्य जीविकोपार्जन का साधन होने से बिना मनभेद मिलजुलकर परिवार के पुरुष खेतों में और महिलायें घर के कामकाज देखती थीं।धीरे-धीरे कई पारिवारिक व्यवसाय शुरू हुए।
