भारतीय परम्परा

राजश्री जी राठी

Rajshree Rathi
राजश्री जी राठी
अकोला, महाराष्ट्र

शिक्षा - बी.एस-सी.(गृह विज्ञान)
लेखन में रूचि - नाटक, लेख, कहानियाँ, लघुकथाएँ।
* गद्य लेखन में सक्रिय सहभागिता
* नुक्कड़ नाटक "रक्तदान" के लेखन एवं मंचन में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त।
* जिला एवम् विदर्भ स्तरीय, अनेक पुरस्कारों द्वारा सम्मानित।
* "नारी का योगदान समाज और राष्ट्रनिर्माण में" राष्ट्रीय पुरस्कार।
* तेरह नाटकों का लेखन एवम् मंचन।
* माहेश्वरी सभा द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित निबंध स्पर्धा में पुरुस्कार द्वारा सम्मानित।
* राष्ट्र की पत्र-पत्रिकाओं में अनेक लेख, लघुकथाएँ, कहानियॉं व कविताएं प्रकाशित।
* लेखनी द्वारा जनता तो जागरूक कर उनकी विचारधारा को सकारात्मक करने हेतु प्रयासरत।
E-mail id - rathirajshree85@gmail.com

यात्रा

लघुकथा - यात्रा

ट्रेन रफ्तार से दौड़ी जा रही थी और उसके साथ ही  मेरे विचारों ने भी रफ्तार पकड़ ली अतीत में छुट्टियों के दौरान की गई यात्राओं के सुखद पल मानस पटल पर अंकित होते ही एक मीठी सी मुस्कान चेहरे पर बिखर गई। अगले ही स्टेशन पर एक सुशिक्षित दंपति और उनका दस वर्षीय बेटा ट्रेन में चढ़े और मेरे सामने वाली सीट पर बैठ गए, वह तीनों ही इस स्लीपर क्लास में बड़े ही असहज महसूस कर रहे थे।





बचपन

बच्चों को लौटा दो बचपन

अधिकांश अभिभावकों ने आज बच्चों का बचपन अपनी अभिलाषाओं के तहत रौंद दिया है साथ ही इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का भी इसमें पूरा योगदान है। परिवर्तन संसार का नियम है किंतु परिवर्तन हमें किस दिशा की और ले जा रहा है प्रगति की जगह कहीं पतन तो नहीं हो रहा। इतना समझना तो जरूरी है।





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