त्योहार
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लाभ पंचमी का त्योहार मनाया जाता है जिसे "सौभाग्य पंचमी", "लखेनी पंचमी" और "ज्ञान पंचमी" के नाम से भी जाता है। यह शुभ तिथि दिवाली पर्व का ही एक हिस्सा है कुछ स्थानों पर दीपावली के दिन से नववर्ष की शुरुआत के साथ ही सौभाग्य पंचम...
हिंदू कैलेंडर के कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी (चौदहवें दिन) पर होती है। यह दीपावली के पांच दिवसीय महोत्सव का दूसरा दिन है। नरक चतुर्दशी को काली चौदस, रूप चौदस, छोटी दीवाली या नरक निवारण चतुर्दशी के रूप में भी मनाया जाता है। हिन्दू साहित्य के अनुसार असुर (राक्...
गोवर्धन पूजा या अन्नकूट पर्व दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन उत्सव मनाया जाता है। इस दिन लोग घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करते हैं। इस दिन गायों की सेवा का विशेष महत्व है। इस दिन के लिए मान्यता प्रचलित...
गोवर्धन पर्वत आज भी और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक भक्त और भगवान के भरोसे की दृढ़ता को दर्शाता है और दर्शायेगा। जब हम पूर्ण समर्पण भगवान के चरणों में करते हैं तब हर प्रकार से भगवान अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और उनके विश्वास को टूटने नहीं देते हैं। उसका साक्षात्...
दर्शनीय स्थल
गणेश जी की आरती: श्री गणेश जी की पूजा में विशेष रूप से गाई जाने वाली आरती। यह आरती सभी विघ्नों को हरने वाले, बुद्धि और समृद्धि के देवता गणेश जी को समर्पित है। गणेश चतुर्थी और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर गणेश जी की आरती का महत्व अधिक होता है।
कहते हैं, शिव की आराधना करने से हमारे सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और हमारी जो भी मनोकामनाएं है वह पूरी होती है। हमारे त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश इनके आधार पर ही यह दुनिया चलती है। इनका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ ना दिखाई देने वाली शक्ति की तरह होता है। जिसका एहसास हमें...
योग रखे निरोग
मसूड़ों में खून निकलना और सूजन आना
1/4 चम्मच हल्दी पाउडर, 1 चुटकी नमक, 2-3 बूंद सरसों का तेल लें, सबको अच्छी तरह मिलाएं और प्रतिदिन दांतों और मसूड़ों पर धीरे-धीरे मालिश करें। इससे दांत सफेद और मसूड़े मजबूत हो जाते हैं।
बालों का झड़ना
1/2 kg नारियल का तेल और 50 ग्राम करी पत्ते (मिठा नीम), दोनों को 5 मिनट साथ उबालें और फिर तेल को ठंडा होने दें। फिर उस तेल को छान कर एक बोतल में भरदे। सप्ताह में दो बार मालिश करें। बाल मजबूत होंगे और चमकदार भी बनेंगे।
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वनदेवी मां अंगार मोती परम तेजस्वी 'ऋषि अंगिरा' की पुत्री हैं। जिनका आश्रम, सिहावा के पास गंढाला में स्थित है। कहते हैं कि, मां अंगार मोती एवं मां विंध्यवासिनी दोनों बहने हैं। कहा जाता है कि, देवी का मूल मंद...
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