त्यौहार
कजली तीज हमारी भारतीय संस्कृति का एक परंपरागत लोक पर्व है। इस कजली तीज को बड़ी तीज, बूढ़ी तीज तथा सातुड़ी तीज के नाम से जाना जाता है। यह व्रत विशेषकर सुहागिन महिलाओं का होता है कुमारी कन्याओं तथा युवतियों के लिए यह उल्लास एवं खुशी का पर्व है। मेहंदी लगाना श्रंगार करना तथा विशेषकर लहरिया की साड़ी इस दिन ज्यादातर पहनी जाती लहरिया की साड़ी हल्की-हल्की फुहारे झूले का झूलना तथा कजरी गीत गाना अपने आप में ही एक सुखद अनुभूति है।
रक्षाबंधन सिर्फ एक धागा ही नहीं है बल्कि रक्षा का सूत्र है जो विश्वास के साथ बांधा जाता है। हमारी भारतीय परंपरा में राखी के धागे को लोहे से भी मजबूत माना गया है जो की आपस में प्यार और विश्वास की परिधि में भाइयों और बहनों को दृढ़ता से बांधे रखता है। एक रोचक तथ्य और है जो कि वैदिक काल से लेकर आज तक चला आ रहा है - इस परंपरा की शुरुआत देवासुर संग्राम से हुई थी, जिसमें ब्राह्मणों/पुरोहितों यजमानों (राजा और समाज के वरिष्ठ जनों) को श्रावण पूर्णिमा के दिन रक्षा सूत्र बांधा करते थे। इसके लिए यजमान धर्म और यज्ञ की रक्षा का वादा करते थे।
हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार वर्ष में चार बार नवदुर्गा या नवरात्रि का आगमन क्रमशः - माघ, चैत्र, आषाढ़, आश्विन में होता है l चैत्र मास की नवरात्रि को बसंतोत्सव नवरात्रि अथवा बड़ी नवरात्रि कहा जाता है,आश्विन मास की नवरात्रि छोटी नवरात्रि कहलाती है l तथा शेष दो आषाढ़ और माघ की नवरात्रियाँ गुप्त नवरात्रि कहलाती हैं l
एक बार महर्षि व्यास सभी पांडु पुत्रों ( युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव ) को वर्ष की सभी एकादशी व्रत का महात्म्य बता रहे थे जिसे सुनकर पांडु पुत्रों ने एकादशी व्रत करने का संकल्प लिया l लेकिन बलशाली भीम के लिए यह सहज मार्ग नहीं था कि मास के दोनों पक्षों में एकादशी का व्रत रख सकें क्योंकि भीम को एक दिन तो क्या एक पल भी बिना भोजन के नहीं रहा जाता उन्होंने व्यास जी से कहा - आचार्य आप तो जानते ही है कि मेरे उदर में वृक नामक अग्नि है
भ्रमणीय स्थल
प्राचीन इतिहास
तुलसी जी कौन थी? कैसे बनी तुलसी पौधे के रूप में ? क्यों उनको पवित्र माना जाता है ? गणेश पूजा में क्यों नहीं चढ़ाई जाती तुलसी?
तुलसी गौ लोक (भगवान श्री कृष्ण का लोक) में 1 गोपी का नाम है, जो भगवान कृष्ण की सच्चे मन से पूजा अर्चना करती थी | हिंदू धर्म में तुलसी का बहुत अधिक महत्व है | पूजा, यज्ञ, हवन, शादी, गृह प्रवेश और मुंडन जैसे सारे शुभ कार्य तुलसी के बिना अधूरे माने जाते है |
सप्ताह के किस दिन करें कौन से भगवान की पूजा
हिन्दू धर्म में मान्यतानुसार 33 करोड़ देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है। इन देवी-देवताओं को विधाता ने मनुष्यों की अलग-अलग मनोकामनाओं को पूरा करने का कार्य सौंपा है। पर सप्ताह के सात दिनों में विशेष देवी - देवताओं का पूजन करने से सांसारिक मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
ज्योतिष को ठीक से समझने के लिए जन्म कुंडली के घरों की बुनियादी समझ होनी चाहिए। कुछ बुनियादी नियम हैं जिन्हें सभी ज्योतिषीय को पालन करने की आवश्यकता है...
कभी कभी पूजा पाठ के बावजूद भी जीवन में दिक्कतें कम नहीं होती हैं, हम बहुत पूजा पाठ करते हैं, दान धर्म करते हैं, लेकिन अगर हमको परेशानी आती है तो इसका कारण अज्ञानवश पूजा स्थान का चयन गलत दिशा में होना या वहां वास्तु दोष होना होता है...
मेरा मंथन पुस्तक लेखकों के जीवन के अनुभव का एक हिस्सा है जिसे वह कविताओं के माध्यम से पाठकों तक पहुंचाना चाहते हैं और उनके लिए एक उदाहरण और प्रेरणादायक है ...
लोग उसे ये नीरमाला - "ये नीरमाला बुलाते। मुझे भी ये सुनने की इतनी आदत हो गई थी कि कई बार उसे आवाज़ देते हुए मैं भी पुकार उठती थी ,” ये नीरमाला कहाँ बाडू हो ?
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का ननिहाल छत्तीसगढ़ , प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हरा भरा , खनिज सम्पदावान प्रदेश छत्तीसगढ़ अपने आप में कई रंग समेटा हुआ है। यहां की परंपरा और संस्कृति को कुछ पृष्ठों में समेटना...
सूर्य देव की 9 संतानों में से शनिदेव एक है इनका जन्म सूर्य की द्वितीय पत्नी छाया से हुआ था।शिव की आज्ञानुसार शनि आज भी जहां धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों के लिए रक्षक हैं वहीं अधार्मिक प्रवृत्ति के लोगों को कठोर दंड...
कोरोना से कैसे लड़ें?
उपयोगी सुझाव
चाय के स्थान पर तुलसी की चाय पीने से बहुत लाभ होता है, स्वास्थ्य अच्छा होता है और कई रोगो से दूर रहते है...
¼ चम्मच हल्दी पाउडर, 1 चुटकी नमक, 2-3 बूंद सरसों का तेल लें, सबको अच्छी तरह मिलाएं और धीरे से मसूड़ों पर मालिश करें | रोजाना करे | ...
बरसात के दिनों में मसाले खराब होने लगते हैं इसीलिए मसालों को बचाने के लिए मसालों को कांच के जार में रखें और इसमें थोड़ा सा नमक मिला...
पराठों को टेस्टी बनाने के लिए आटे में उबला आलू कद्दूकस करके मिला लें और आटा गूंध ले...
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शरीर पर दाद को जड़ से हटाने का रामबाण नुस्खा | लहसुन को जलाले अब उसकी राख (भस्म ) को शहद में मिला कर दाद पर...
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इल स्टोन तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, कोई राह यू ही आसान नही होती उसके लिए आपको कठोर परिश्रम करना पड़ता है | करियर को बेहतर बनाने के लिए बड़े लक्ष्यों से पहले...
सरल अवधि में सफलता हमारे लक्ष्य को प्राप्त कर रही है। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि हमारा उद्देश्य पूरा करना, पूर्व-निर्धारित मापदंडों पर हमारे उद्देश्य जो निर्धारित किए जा सकते हैं ...
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सभी को देखेंसरल शब्दों में सफलता हमारे लक्ष्य को प्राप्त करती है। इसका मतलब हमारे उद्देश्य को पूरा करना भी हो सकता है, पूर्व-निर्धारित मापदंडों पर हमारे उद्देश्य जो हमारे स्वयं द्वारा निर्धारित किए जा सकते हैं या दिए जा सकते हैं। पेशेवर और निजी जीवन दोनों में सफलता प्राप्त की जा सकती है।
मेरी राय के अनुसार सफलता हमारे उद्देश्य या उद्देश्यों को प्राप्त करने, हासिल करने और पूरा करने की स्थिति है।
सूर्य नमस्कार (Salutation to Sun)
सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने के क्या लाभ हैं?
सूर्य नमस्कार या सूर्य को सम्मान देने की एक प्राचीन तकनीक है। यह एक बहुमूल्य योगाभ्यास है जिसमें योगासन और प्राणायाम दोनों शामिल हैं। वेदों में सूर्य को मनुष्य के रूप में ऊर्जा और शक्ति देने के लिए भगवान माना जाता है ...
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