Bhartiya Parmapara

तमाशा

एक बार की बात है एक घर में आग लग गई। घर में से सभी लोगों को निकाला गया मोहल्ले के कुछ लोग आग बुझाने में लग गए तो कुछ लोग सिर्फ देख रहे थे।

उसी घर में एक चिड़िया का घोंसला भी था।
चिड़िया अपनी चोंच में थोड़ा पानी लाती और आग के ऊपर डाल देती लेकिन आग बुझ ही नही रही थी और चिड़िया भी रुकने का नाम नहीं ले रही थी वो बस अपनी चोंच में पानी भर कर लाती और आग में डाल देती।
चिड़िया को बार बार मेहनत करते देख कौवा उसको देख कर हंसने लगा और बोला चिड़िया तू पागल है क्या ?

तुझे क्या लगता है, ये घर देख इतना बड़ा है और तेरी चोंच इतनी छोटी है…
तुझे क्या लगता है तेरे बुझाने से ये आग बुझ जायेगी? 
चिड़िया ने कहा हां मैं जानती हूं कि मेरे बुझाने से ये आग नही बुझेगी लेकिन जब चिड़िया ने कहा हां मैं जानती हूं कि मेरे बुझाने से ये आग नही बुझेगी लेकिन जब भी इस आग के बारे में बात होगी तब मेरा नाम आग बुझाने वालों में होगा ना कि तमाशा देखने वालो में होगा।

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