
रूद्र ने जैसे ही मम्मी से कहा वह अनन्या को पसंद करता है और उससे शादी करना चाहता है यह सुन पल भर को बेटे के बात पर काव्या को यकीन ही नहीं हुआ अपने शांत सौम्य बेटे से अचानक यह सुनना उसे कुछ हतप्रभ कर गया। बचपन से अपने बेटे पर हर खुशी न्यौछावर करने वाली काव्या ने अपनी मौन स्वीकृति देना ही उचित समझा।
अपने उच्च शिक्षित बेटे के विवाह को लेकर वह वैसे ही मन ही मन बहुत से सपने संजो रही थी। बेटे ने अपने ही समाज की सुशिक्षित लड़की पसंद की इस बात का मन में संतोष था। काव्या बचपन से ही रूढ़िवादी संस्कारी परिवार में पली-बढ़ी और ऐसे परिवार में ब्याही गई थी यूं तो उसकी अपनी बेटी राज्वी भी आधुनिक परिधानों को अपनाती जिसके चलते कई बार उसे पारिवारिक सदस्यों से उलाहना सुननी पड़ती वह स्वयं भी अपनी बेटी को इन सब के लिए मना करते रहती। उसके लिए अनन्या और राज्वी में कोई अंतर नहीं था किंतु परिवार इतनी मॉडर्न बहू को सहर्ष स्वीकार नहीं कर पाएगा और फिर वहीं आपस में कानाफूसी और उसके आने से पहले ही उसकी इमेज खराब होने का डर उसे सताने लगा जब कि वह चाहती थी हर किसी के जुबां पर उसके बहू की प्रशंसा हो।
विवाह मात्र दो दिलों का बंधन ना रहते हुए दो परिवारों का मिलन होता है रिश्तों को आदर, समर्पण से सींचने पर ही प्रेम की पुरवाई तन मन को आनंदित करती है और जब चारों और से आशीर्वादों की फुहारें बरसती है तो जीवन संवर जाता है।
सोशल मीडिया युवतियों के गुण नहीं केवल वेश-भूषा ही दर्शाता है और उसके आधार पर ही पारिवारिक सदस्य उसके व्यक्तित्व का अनुमान लगाने लगते है इसी कारण कई बार गलतफहमियां निर्माण होती है सोच के समंदर में डुबकी लगाते हुए काव्या को कब नींद लगी पता ही नहीं चला। दूसरे दिन सुबह आंख खुली और मोबाइल देखा तो न जाने कैसे उसके मन की बात अनन्या तक पहुंच गई उसने सोशल मीडिया पर अपने सभी अकाउंट प्राइवेट कर लिए और स्टेटस पर भी ऐसी तस्वीर लगाई जिसे सभी को बताते हुए काव्या खुशी से फूले नहीं समाती। उसकी बहू बेटे के दिल पर तो राज कर ही रही थी किंतु अब उसने अपनी सूझबूझ से पूरे परिवार का दिल जीत लिया आज की पढ़ी-लिखी लड़कियां भी रिश्तों को महकाना बखूबी जानती है यह देख काव्या ने अपनी लाडली बहूं को गले लगा लिया आज वह स्वयं को बहुत हल्का महसूस कर रही थी अपनी मम्मी और जीवनसाथी दोनों को इस तरह हंसी खुशी देख रुद्र भी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करने लगा।
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