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दीपावली का प्रारंभ दिवस - धनतेरस
धनतेरस भारत में मनाये जाने वाला एक विशेष पर्व है यह पर्व दीपावली के 2 दिन पूर्व आता है क्योंकि दीपावली 5 दिन का भारतीय त्योहार है धनतेरस के दिन से ही दीपावली का शुभारंभ माना जाता है। भारतीय परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन सोने चांदी के आभूषण खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।
कब मनाया जाता है?
धनतेरस कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है इस दिन अर्थात धनतेरस को भगवान धन्वंतरी का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को “धनतेरस अथवा धनत्रयोदशी” के नाम से भी जाना जाता है। भगवान धन्वंतरी के जन्मदिवस होने के कारण भारत सरकार ने इसे "राष्ट्रीय आयुर्वेदिक दिवस" के रूप में मान्यता प्रदान की है। भगवान धन्वंतरी आयुर्वेद के जनक माने जाते हैं।
जब असुरों के साथ मिलकर देवताओं ने समुद्र का मंथन किया था उस समय भगवान धन्वंतरी समुद्र में से अमृत कलश और आयुर्वेद हाथ में लेकर प्रकट हुए थे तथा 2 दिन के बाद लक्ष्मी जी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थी इसलिए धनतेरस के 2 दिन बाद दीपावली के त्यौहार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है।
धनतेरस कैसे मनाए -
धनतेरस के दिन भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। भगवान कुबेर धन दौलत के स्वामी हैं तथा कुबेर जी की कृपा सदा मिलती रहे इसलिए इनकी पूजा-अर्चना की जाती है। धनतेरस एक ऐसा त्यौहार है जिस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा भी की जाती है तथा कहीं-कहीं पर धनतेरस के दिन ही दीपावली पूजन के लिए माता लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा खरीद कर स्थापित की जाती है।
कुछ मान्यताएं -
- वैसे तो कभी भी किसी की आलोचना बिना कारण नहीं करनी चाहिए लेकिन धनतेरस के दिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि हम किसी से विवाद ना करें किसी की आलोचना ना करें और ना सुने।
- साथ ही प्रातः काल घर में भजनों की ध्वनि आनी चाहिए भजनों की ध्वनि से घर से नकारात्मक शक्तियां बाहर निकल जाती हैं तथा अपना मन निर्मल एवं स्वस्थ हो जाता है हम सकारात्मक सोचने लगते हैं।
- कुछ विशेष मान्यताएं हैं जो कि लोग मानते हैं धनतेरस के दिन नमक जरूर खरीदना चाहिए, धनतेरस के दिन हम जो नमक खरीद कर लाए उस नमक का प्रयोग दीपावली के पांचों दिनों के त्योहार में प्रयोग करें। एक कटोरी ले और उसमें थोड़ा सा नमक डाले ध्यान रहे कटोरी प्लास्टिक की ना हो चाहे किसी भी धातु की हो तथा उस कटोरी को उत्तर पूर्व की दिशा में रख दें ऐसा करने से सफलता आपके चरण चूमेगी। घर में धन-धान्य की वृद्धि होगी और वैभव, शांति आएगी।
- अपने दाहिने हाथ के लिए चांदी का एक कड़ा बनाएं तथा दीपावली पर उसका पूजन माता लक्ष्मी के सामने रखकर करें। दीपावली के दूसरे दिन प्रातः उसे दाहिने हाथ में धारण कर ले यदि पूर्व से ही कड़ा बना हो तो उसे साफ कर दीपावली को पूजन कर धारण करें।
ये कार्य अवश्य करे -
धनतेरस के दिन 13 दीपक द्वार पर अवश्य जलाएं। एक दीपक चार बाती वाला बनाएं इसमें एक कोडी और एक सिक्का डाले तथा दाहिने हाथ की तरफ द्वार पर रखें, इसे यम दीपक कहते हैं।
दान करे -
पोटली बनाएं एक मुट्ठी चावल ले और ध्यान रहे चावल टूटे ना हो जितने चावल ले उतनी ही शक्कर ले, आठ लोंग ले, ₹1 का सिक्का माता लक्ष्मी के सामने लाल कपड़ा बिछाए लाल कपड़ा ना हो तो लाल कागज ले, लेकिन यह जमीन पर न रखें किसी थाली में या किसी और अन्य वस्तु पर रखें जो हमारे पास चावल हैं उन चावल का बाई तरफ स्वास्तिक बनाएं तथा उसके ऊपर एक सिक्का रखें दाहिने हाथ की ओर शक्कर से ओम की आकृति बनाएं लाल फूल अर्पित करें तथा दीपावली के बाद इसे किसी मंदिर में पोटली में बांधकर दान करें यदि दूसरे दिन दान ना कर पाए तो 11 में दिन शुक्रवार को यह पोटली दान करें यह प्रक्रिया धनतेरस को शाम के समय अमृत काल में करें।
खरीददारी -
धनतेरस के दिन खरीददारी करना शुभ माना जाता है लेकिन प्रायः देखा जाता है ग्रहणी को जिस वस्तु की आवश्यकता होती है वह वही धनतेरस को खरीद लेती है, यह उचित नही है सोना चांदी और बर्तन खरीदना शुभ होता है।
यह कदापि ना खरीदें -
1) लोहे की बनी वस्तुएं यह नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
2) कांच या कांच से बनी वस्तुएं, कांच का संबंध राहु से होता है और राहु नीच ग्रह में आता है।
3) एलमुनियम की बनी वस्तुएं, यह भी अशुभ मानी जाती हैं क्योंकि इससे बनी वस्तुए पूजा में प्रयोग नहीं होती।
राशि के अनुसार क्रय करे -
मेष - राशि तांबे की धातु की बनी वस्तुएं खरीदें
वृषभ - चमकदार पॉलिश वाली वस्तुएं या हीरे के आभूषण
मिथुन - काँसे के बर्तन
कर्क - चांदी के बर्तन
सिंह - ताँबे या गोल्डन पॉलिश वाली वस्तुएं
कन्या - काँसे के बर्तन
तुला - बिजली का सामान
वृश्चिक - ताँबे सोने के आभूषण
धनु - पीतल बर्तन सोने के आभूषण
मकर - बिजली का सामान शनि स्वामी है
कुम्भ - मिश्रित धातु के बर्तन
मीन - पीतल, चांदी तथा सोना
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