Bhartiya Parmapara

पंचवटी वाटिका | पंचवटी का महत्व स्कंद पुराण म...

पंचवटी का तात्पर्य - पंच यानी पांच और वट यानि वृक्ष। ये पांच विशेष प्रकार के वृक्ष जिस स्थान पर लगाए जाते हैं उसे ही पंचवटी कहते हैं। ये पांच वृक्ष निम्न हैं - पीपल, बेलपत्र, बड़, आंवला एवं अशोक। इन पांचों वृक्षों को एक विशेष दिशा एवं दूरी पर लगाया जाना चाहिए। पंचवटी...

वास्तुशास्त्र में पूजा कक्ष का महत्व

वास्तु साहित्य में मंदिर वास्तु, आवासीय वास्तु, व्यवसायिक वास्तु, वास्तु सम्मत नगर आदि सभी स्थलों का वास्तु होता है। वास्तुशास्त्र के प्रयोग के लिए शास्त्र के मूलभूत सिद्धांतों और मूल तत्व को समझना आवश्यक है। वास्तुशास्त्र हमारे आस-पास की विभिन्न ऊर्जाओं को पहचान कर ह...

वास्तु शास्त्र | वास्तुशास्त्र का उदगम

वास्तुशास्त्र का उदगम वेदों से हुआ है। प्राचीन काल में इसे स्थापत्य वेद के नाम से जाना जाता था। स्थापत्य वेद या वास्तुशास्त्र, अथर्ववेद का एक उपवेद है। अनेक पुराणों जैसे मत्स्यपुराण, अग्निपुराण इत्यादि में वास्तु के उल्लेख मिलते हैं। विश्वकर्मा और मय के साथ साथ अठ्ठार...

;
©2020, सभी अधिकार भारतीय परम्परा द्वारा आरक्षित हैं। MX Creativity के द्वारा संचालित है |