ज़िन्दगी में हर चीज़ के दो पहलू होते हैं, जैसे- सच और झूठ, सुबह और शाम, मिलन और जुदाई, आशा और निराशा..
सच, सच में होता है, परन्तु झूठ को बनाया जाता है, जब मनुष्य अपने बनाए झूठ को छोड़ता है तो सत्य अपने आप सामने आ जाता है..
ज़िन्दगी में हर चीज़ के दो पहलू होते हैं, जैसे- सच और झूठ, सुबह और शाम, मिलन और जुदाई, आशा और निराशा..
सच, सच में होता है, परन्तु झूठ को बनाया जाता है, जब मनुष्य अपने बनाए झूठ को छोड़ता है तो सत्य अपने आप सामने आ जाता है..
धर्म शब्द "धृ" धातु से बना है, जिसका अर्थ होता है "धारण करना" यानी जो धारण किया जाए वह "धर्म" है। "धारण" करने से यहां अर्थ है, जीवन में धारण करना या जिस पर हमारा जीवन आधारित हो, वही हमारा "धर्म" है।
दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि...
जिस तरह व्यापार के बही खातों के लिए एक मुनीम अर्थात अकाउंटेंट जरूरी होता है उसी तरह जीवन के लिए सत्संग भी अत्यंत आवश्यक है।
सेठजी पूरा विश्वास करते हुए अपने विश्वास पात्र मुनीम को अपने व्यवसाय का आर्थिक संतुलन उसके हाथों में सौंप द...
एक आलस्य वह होता है, जिसमें शरीर आराम ढूंढ़ता है और कोई भी शारीरिक क्रिया करने से शरीर इन्कार कर देता है...और, एक आलस्य दिमाग से होता है, जो सुस्त और ऊबा हुआ महसूस कराता है।
हमारे दिमाग ने अगर एक बार सोच लिया कि "मुझे कुछ समझ नहीं...
जीवन में वही लोग सफल होते हैं जो एक निश्चित विचारधारा लेकर नहीं चलते, बल्कि एक विकसित विचारधारा लेकर चलते हैं। निश्चित विचार-धारा वाले लोग समझते हैं कि वो जो कर सकते हैं और जो नहीं कर सकते उसे अब बदला नहीं जा सकता। जबकि सफलता उन्हें मिलती है जिनका दिमाग निश्चित नहीं ह...
संस्कृति" शब्द का मुख्य रूप संस्कार से बना हुआ है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है "सुधारने अथवा शुद्धि करने वाली या परिष्कार करने वाली“। जीवन को सम्पन्न करने के लिए मूल्यों एवं मान्यताओं का समूह ही "संस्कृति" कहलाता है। सीधे शब्दों में कहें तो "संस्कृति" का सीधा संब...
"चंद्रयान 3" चन्द्रमा की धरती पर सकुशल उतर गया, यह हम सब भारतीयों के लिए बहुत बड़े गौरव का विषय है। "चंद्रयान 3" की सफलता ने पूरे भारतवर्ष को गौरवान्वित किया है, पूरे विश्व में भारत देश का नाम रोशन किया है और हर भारतीय का मस्तक ऊंचा उठा दिया है। हमें गर्व है कि इस अद्...
इससे हड़बड़ाहट और तनाव बढ़ता है और जिसका असर मस्तिष्क पर पड़ता है। लिहाज़ा, मानसिक स्वास्थ्य के लिए दिनचर्या का समय अनुसार पालन करना बहुत ज़रूरी है। यदि हमारी दिनचर्या अच्छी है और नियमित बनी हुई है, तब उसका सकारात्मक प्रभाव हमारे मन पर पड़ता है। हमारा मन शांत रहता है...
मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप और इन्टरनेट आज बच्चों की ज़िन्दगी का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं। आज माता-पिता को इस बात की चिन्ता है कि इनका असर बच्चों की आँखों के साथ-साथ उनके दिमाग पर भी पड़ रहा है। इसे पूरी तरह से रोका तो नहीं जा सकता, परन्तु बच्चों की ज़िन्दगी में इन उपकर...
हम जो आजकल विज्ञान की अद्भुत शोध का उपयोग कर के जीवन को आसान बनाने की कोशिश कर रहे हैं क्या वह सिर्फ हमारी मदद ही करते हैं या हमारा वह नुकसान कर रहा हैं जो पीढ़ियों तक भरपाई नहीं हो पाएगी। जिसके लिए हम खुद जिम्मेदार हैं। कितने जिम्मेदार हैं ये तो भविष्य ही बताएगा। वैस...