Bhartiya Parmapara

शंखनाद

भारतीय संस्कृति में शंख ध्वनि को शुभ व मंगल सूचक माना गया है। ऋषि श्रृंग ने लिखा है कि छोटे-छोटे बच्चों के शरीर पर छोटे-छोटे शंख बांधने तथा शंख में जल भरकर अभिमंत्रित करके पिलाने से वाणी दोष नहीं होता है। बच्चा स्वस्थ रहता है। पुराणों में शंख को चन्द्रमा और सूर्य के स...

विवाह संस्कार की उत्पत्ति प्रकार नियम एवं रिव...

हमारी भारतीय संस्कृति में जन्म से लेकर मृत्यु तक मानव के सोलह संस्कार होते हैं। विवाह एक महत्वपूर्ण संस्कार जो मानव का त्रयोदश संस्कार है। विवाह प्रथा के पूर्व की स्थिति मानव पहले पूर्णरूपेण संस्कृति नहीं था ।वह जंगलों में रहता था। किसी भी प्रकार का बंधन किसी पर भी ला...

सप्तपदी या अष्टपदी

हिन्दू धर्म में जब भी विवाह संस्कार होता है तो उस समय सात फेरे लिए जाते हैं जिन्हें हम सप्तपदी नाम से जानते हैं। सप्तपदी में सात तरह के वचन होते हैं जिन्हें वर और वधु को बताया जाता है। लड़की यह वचन अपने होने वाले पति से मांगती है। यह सात वचन दाम्पत्य जीवन को प्रेम, खु...

स्वस्तिक बनाने के तथ्य | स्वस्तिक कैसे बनाया...

"स्वस्तिक" बहुत ही शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि "स्वस्तिक" बनाने से कोई भी कार्य सफल होता है। हिंदू धर्म के परंपरा के अनुसार "स्वस्तिक" बनाना बहुत ही मंगल होता है। स्वस्तिक का उदगम संस्कृत के "सु "उपसर्ग और "अस " धातू को मिलकर बना है। संस्कृत में "सु" का अर्थ शुभ...

तिलक क्यों और कैसे लगाते है | तिलक के प्रकार...

तिलक का अर्थ - शास्त्रों के अनुसार कोई भी शुभ कार्य में माथे पर लगाया जाने वाला बिंदु मतलब तिलक होता है। अगर पूजा पाठ के समय हम बिना तिलक लगाए पूजा करते हैं तो वह पूजा निष्फल मानी जाती है। तिलक हमेशा मस्तिष्क के मध्य भाग (दोनों भौहों के बीच नासिका (नाक) के ऊपर प्रारंभ...

शादी में क्यों मारा जाता है तोरण?

भारतीय संस्कृति में जितने भी महत्वपूर्ण सांस्कृतिक कार्य होते है उनके पीछे कुछ न कुछ कारण जरूर निहित होता है। इसलिए भारतीय संस्कृति से जुड़ी ये अलग अलग प्रथाये देश विदेश में सभी को अपनी तरफ आकर्षित करती है। इन्ही प्रथाओ में से एक है तोरण मारने की प्रथा या परम्परा जो क...

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