सिंदूर खेला एक खास बंगाली परंपरा है जो दुर्गा पूजा के अंतिम दिन, विजयादशमी को मनाई जाती है। इस रस्म में विवाहित महिलाएं दुर्गा माँ की विदाई से पहले एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर इस शुभ अवसर का जश्न मनाती हैं। यह परंपरा सौभाग्य, समृद्धि, और देवी दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त क...
दीपावली भारत का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह हमारी अनूठी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण भाग है। यह त्यौहार है - अंधकार पर प्रकाश की विजय, अज्ञान पर ज्ञान की विजय और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक एवं हर्षोल्लास से उत्सव मनाने का अवसर।
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सांझी माता का पर्व भाद्रपद की पूर्णिमा से लेकर अश्विन मास की अमावस्या तक मनाया जाता है। यह पर्व विशेषकर कुंवारी कन्याओं का होता है और पूरे पितृपक्ष के 16 दिनों तक चलता है। सांझी माता का पर्व विशेष रूप से ब्रज क्षेत्र, राजस्थान, बुंदेलखंड, गुजरात, मालवा, और निमाड़ में म...
दुर्गा पूजा, भारत के एक प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे देशभर में पूरे उत्साह और भव्यता के साथ मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, इसके अलावा ओडिशा, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी इसे बड़े धूमधाम से...
हिन्दू धर्म में अनेक त्यौहार हैं, जिन्हें भक्त, पूरे श्रद्धाभाव के साथ मनाते हैं। हर एक त्यौहार को मनाने एवं पूजने की विधि अलग होती है, जिसका नियमानुसार पालनकर, भक्त उस त्यौहार को संपन्न करते हैं। इन्हीं में से एक त्यौहार है, करवा चौथ। हिन्दू धर्म में करवा चौथ व्रत का...
धनतेरस कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है इस दिन अर्थात धनतेरस को भगवान धन्वंतरी का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को “धनतेरस अथवा धनत्रयोदशी” के नाम से भी जाना जाता है। भगवान धन्वंतरी के जन्मदिवस होने के कारण भारत सरकार ने इसे "राष...
हरतालिका तीज वास्तव में 'सत्यम शिवम सुंदरम' के प्रति आस्था और प्रेम का व्यवहार है। वास्तव में हरतालिका तीज सुहागन का त्यौहार है। भारतीय संस्कृति एवं हिंदू धर्म में महिलाओं के जो विशेष व्रत होते हैं, उसमें हरतालिका तीज का विशेष एवं महत्वपूर्ण स्थान है। अन्य व्रत की अपे...
शिव आराधना का श्रावण मास आस्था और विश्वास के साथ ही प्रकृति के सुंदरतम श्रृंगार का मनभावन मौसम है। तृप्त धरा चारों और हरियाली की लहराती चुनर में इठलाती है। नदियों में ऊँची-ऊँची उठती लहरें और झरनों का सुमधुर कलरव हर मन को आकर्षित करता है। ऐसे ही वर्षा ऋतु के सावन मास क...
वट सावित्री का व्रत अपने आप में एक विशेषता लिए हुए हैं। यह व्रत किस तिथि को किया जाता है इस संबंध में दो मत है। पहला विचार स्कंद पुराण तथा भविष्योत्तर पुराण के अनुसार जेष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन होता है तथा दूसरा विचार निर्णचामृत आदि के अनुसार जेष्ठमास...
हिंदू धर्म में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा का जन्म हुआ था और मां दुर्गा के कहने पर ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। इसीलिए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिन्दू वर्ष शुरू होता है। कई स्थानों पर इसे “गुड़ी पड़वा” भी क...
वैसे तो पूरा साल श्री लक्षेश्वर में दर्शनार्थियों का आना जाना लगा रहता है, किन्तु अनेक भव्य उत्सवों में यहाँ का एक भव्य उत्सव याने श्री महाशिवरात्रि यात्रा महोत्सव! माह महीने की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को आने वाली शिवरात्रि अर्थात महाशिवरात्रि! महाशिवरात्रि का यह...
भारत के अन्य त्योहारों की तरह होली का त्योहार भी बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है, जिसे रंगों के त्योहार के रूप में फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। होली रंगों के साथ साथ वसंत ऋतु के समान हँसी-खुशी का त्योहार है। वसंत की ऋतु में हर्षोल्लास के साथ मन...
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