Bhartiya Parmapara

सौभाग्य को बनाये रखने हेतु मनाया जाता है गणगौ...

होलिका दहन के दूसरे दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से चैत्र शुक्ल तृतीया तक, १८ [अठारह ] दिनों तक मनाया जाता है - यह आस्था, प्रेम और पारिवारिक सौहार्द का सबसे बड़ा उत्सव है। चूँकि, बीते दो साल से कोरोना महामारी के चलते यह उत्सव बन्द कमरे तक सीमित करना पड़ा था इसलिये इस बार स...

महाशिवरात्रि का महत्व | महा शिवरात्रि का व्रत...

भारतीय हिंदू संस्कृति, परंपराओं एवं सनातन धर्म में महाशिवरात्रि के पर्व का अत्यधिक महत्व है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा एवं आराधना की जाती है। शिव का शाब्दिक अर्थ होता है - कल्याण एवं रा का अर्थ है - दानार्थ धातु, इन्हीं दोनों के मेल से शिवरात्रि शब्द बना है जिसका...

जया एकादशी का महत्व | जया एकादशी व्रत

माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है जया एकादशी के दिन व्रत रखने से एवं भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मृत्यु के उपरांत स्वर्ग की प्राप्ति के लिए जया एकादशी का व्रत एवं जया एकादशी व्रत कथा का पाठ...

पोंगल का त्योहार | कैसे मनाया जाता है पोंगल ?

मान्यता है कि पोंगल पर्व में किसान अपनी आगामी फसलों की अच्छी पैदावार के लिए प्रार्थना करते हैं। इस पर्व को तमिलनाडु के सांस्कृतिक एवं पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ उत्साह पूर्वक से मनाया जाता है। इस पर्व में मुख्यतः सूर्य भगवान की पूजा की जाती है। इस त्योहार को 4 दिन त...

षटतिला एकादशी | षटतिला का अर्थ | षटतिला एकादश...

माघ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस उपवास को करने से जहां हमें शारीरिक पवित्रता और निरोगता प्राप्त होती है, वहीं अन्न, तिल आदि दान करने से धन-धान्य में बढ़ोत्तरी होती है। मनुष्य जो और जैसा दान करता है, शरीर त्यागने क...

पौष पुत्रदा एकादशी | पुत्रदा एकादशी | पुत्रदा...

पौष माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में पुत्रदा एकादशी का अपना अलग महत्व है। अधिकांश इस एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है, माना जाता है कि इस दिन जिस व्यक्ति ने पूरे विधि-विधान और श्रद्धा के सा...

श्री राम सीता का विवाह | विवाह पंचमी

भगवान श्री राम चेतना और माता सीता प्रकृति शक्ति की प्रतीक हैं। चेतना व प्रकृति का मिलन का योग असाधारण है। मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को यह विशेष योग भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसे "विवाह पंचमी" कहते हैं।

मोक्षदा एकादशी | गीता जयंती | मार्गशीर्ष मास...

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी मोक्षदा एकादशी कहलाती हैं। इस व्रत के प्रभाव से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन श्री कृष्ण व गीता का पूजन शुभ फलदायक होता है। भोजन कराकर दान आदि कार्य करने से विशेष फल प्राप्त होते है। मोक्ष का अर्थ है मोह का त्याग। इ...

श्री गोवर्धन पूजा एवं प्राकट्य

गोवर्धन पूजा या अन्नकूट पर्व दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन उत्सव मनाया जाता है। इस दिन लोग घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करते हैं। इस दिन गायों की सेवा का विशेष महत्व है। इस दिन के लिए मान्यता प्रचलित...

श्री गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट

गोवर्धन पर्वत आज भी और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक भक्त और भगवान के भरोसे की दृढ़ता को दर्शाता है और दर्शायेगा। जब हम पूर्ण समर्पण भगवान के चरणों में करते हैं तब हर प्रकार से भगवान अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और उनके विश्वास को टूटने नहीं देते हैं। उसका साक्षात्...

ऋषि पंचमी का त्योहार | माहेश्वरी रक्षाबंधन

जैसे के नाम से ही पहचाना जा सकता है कि यह त्योहार ऋषियों से जुड़ा है, हिन्दू पंचांग के भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी को ऋषियों की पूजा करके यह त्योहार मनाया जाता है। सप्त ऋषियों का आशीर्वाद प्राप्त करने और सुख, शांति, मंगल और समृद्धि की कामना से यह व्रत रखा जाता...

दही हांडी | दही हांडी पर्व क्यों और कैसे मनाय...

कृष्ण जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के एक दिन बाद भाद्रपद की नवमीं को दही हांडी का पर्व बहुत हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पर्व में एक मिट्टी की हांड़ी (मटकी) में दही - माखन, दूध, फूल और पानी भर के ऊंचाई पर लटका देते है और फिर एक मानव पिरामिड बनाकर उस हांड़ी को...

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