नवरात्रि के त्योहार की 9 दिनों तक बड़ी धूम धाम रहती है, इन नौ दिनों में माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की उपासना की जाती है। नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की पूजा होती है। कलश या घट स्थापना के पश्चात माँ शैलपुत्री की पूजा विधि विधान से की जाती है। शैलीपुत्री हिम...
शारदीय नवरात्रि में घट स्थापना, नवरात्रि की शुरुआत घट स्थापना के साथ ही होती है। घट स्थापना को कलश स्थापना भी कहा जाता है। घट स्थापित करके शक्ति की देवी का आह्वान करना होता है। मान्यता है कि रात के समय और अमावस्या के दिन घट स्थापित नहीं करना चाहिए| घट कैसे स्थापित करे...
माना जाता है कि पितृपक्ष के 16 दिनों के दौरान सभी पूर्वज अपने परिजनों को आशीर्वाद देने के लिए पृथ्वी लोक पर आते हैं। वे भी अपने घर परिवार का ही हिस्सा होते है, उनके लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंड दान किया जाता है। इन अनुष्ठानों को करना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे...
अधिक मास में दान का महत्व: हिन्दू पंचांग के अनुसार अधिक मास एक पवित्र अवधि होती है, जिसमें दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस मास में दान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। अधिक मास में पूजा-पाठ, दान, जाप और आराधना का फल भी अधिक मिलता ह...
भारतीय पंचांग (खगोलीय गणना) के अनुसार प्रत्येक तीसरे वर्ष एक अधिक मास होता है। यह सौर और चंद्र मास को एक समान लाने की गणितीय प्रक्रिया है। शास्त्रों के अनुसार पुरुषोत्तम मास में किए गए जप, तप, दान से अनंत पुण्यों की प्राप्ति होती है। सूर्य की बारह संक्रांति होती हैं औ...
"गुरु" का न होना लघु होना है। जीवन में गुरु के महत्व को इसी बात से समझा जा सकता है। अर्थात "जो अपने कर्म, ज्ञान एवं व्यवहार से हमारी लघुता मिटा दे वही गुरु है।" इस परिभाषा की दृष्टि से हनुमानजी एक महान गुरु हैं।
हमारे जीवन से लघुता को मिटाने के लिये गुरु हमें तीन चीज देते हैं। वह तीन चीज है दी...
शास्त्रों के अनुसार जब महाभारत के युद्ध में दानवीर कर्ण का निधन हो गया और उनकी आत्मा स्वर्ग पहुंची, तो उन्हें खाने के लिए भोजन की बजाय सोना, चांदी और गहने दिए गए। हैरान होकर कर्ण की आत्मा ने इंद्र देव से इसका कारण पूछा, तब इंद्र देव ने कर्ण को बताया कि आपने अपने पूरे...
मान्यताओं के अनुसार सबसे पहले अत्रि मुनि ने श्राद्ध का उपदेश दिया था। इसके बाद सबसे पहला श्राद्ध महर्षि निमि ने निकाला था। बाद में धीरे-धीरे कई अन्य महर्षि भी श्राद्ध कर्म करने लगे और पितरों को अन्न का भोग लगाने लगे। जैसे-जैसे श्राद्ध की परंपरा बढ़ती गई देवता और पितर...
हिंदू पंचांग के अनुसार 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव पर घरों और पंडालों में स्थापित विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन अंनत चतुर्दशी पर किया जाता है।
गणपति जी विसर्जन के साथ साथ इस दिन भगवान विष्णु जी के अंनत स्वरूप की पूजा अर्चना भी की जाती है। अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु, यमुना नदी और शेषनाग जी की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत रखते है और अनंत सूत्र बांधते है जिससे जीवन के सभी कष...
ओणम पर्व के साथ साथ चिंगम महीने में केरल में चावल की फसल का त्योहार और वर्षा के फूल का त्योहार मनाया जाता है। ओणम का पर्व भगवान् विष्णु के वामन अवतार से जुड़ा हुवा है, इस पर्व को केरल में राजा महाबलि के स्मृति में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व को लेकर जो कथा स...
हिन्दू पंचांग में भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी भी कहते हैं| ऐसा माना जाता है कि इसी तिथि को भगवान विष्णु शयन अवस्था में अपना करवट बदलते हैं। भगवान विष्णु के एकादशी तिथि में अपना करवट बदलने या परिवर्तित करने के कारण ही इसे परिवर्तिनी एकादशी कहा...
