Bhartiya Parmapara
क्षितिज तक

क्षितिज तक

डॉक्टर तमन्ना अस्पताल से निकलते हुए सोच में इतनी डूबी हुई थी कि उसने किसी के अभिवादन का जवाब दिए बिना ही कार तक पहुंच गई। उनके मन में अपनी बीमार बच्ची निम्मी का रुआँसा...

बलिदानी - स्वतंत्रता के नायक

बलिदानी - स्वतंत्रता के नायक

तकलीफ तो होगी साहब ... 
जब सात लाख बत्तीस हजार बलिदानियों को भुला कर आजादी का श्रेय सिर्फ एक परिवार ले रहा था तब हमको भी तकलीफ होती थी ... भारत को आजाद करने के...

नहीं कर अभिमान रे बंदे

नहीं कर अभिमान रे बंदे

नहीं कर अभिमान रे बंदे, पल का नहीं ठिकाना बंदे ! दुनिया में लालच का मौका, चलती हवा का तेज झोंका, कब कहाँ उड़ा जाये बंदे ! नहीं कर अभिमान रे बंदे, पल का नहीं ठिकाना बंदे !

बचपन माँ की गोदी स...

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