Bhartiya Parmapara

Rajshree Rathi

Rajshree Rathi
Rajshree Rathi

शिक्षा - बी.एससी.(गृह विज्ञान) लेखन में रुचि - नाटक, लेख, कहानियाँ, लघु कथाएँ।

गद्य लेखन में सक्रिय भागीदारी. नुक्कड़ नाटक "रक्त दान" के लेखन एवं मंचन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। 

जिला एवं विदर्भ स्तर पर अनेक पुरस्कारों से सम्मानित "समाज और राष्ट्र निर्माण में महिलाओं के योगदान" के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार। 

तेरह नाटकों का लेखन एवं मंचन। माहेश्वरी सभा द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में पुरस्कार से सम्मानित किया गया। देश की पत्र-पत्रिकाओं में अनेक लेख, लघुकथाएँ, कहानियाँ और कविताएँ प्रकाशित हुईं। लेखन के माध्यम से जनता को जागरूक कर उनकी विचारधारा को सकारात्मक बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

कन्याओं को पूजन से अधिक सुरक्षा की जरूरत है ...!

कन्याओं को पूजन से अधिक सुरक्षा की जरूरत है ...!

क्यों ‌लग जाता है अंकुश उनके हसीन ख्वाबों पर ? 
नवरात्रि का पर्व भारतभर में आस्था का दीप प्रज्वलित कर जाता है। घर-घर में पूजा अर्चना, धार्मिक अनुष्ठान होते...

दिशा (Direction)

दिशा (Direction)

प्रोजेक्ट पूरा कर कॉलेज से निकलने में नेहा को काफी समय हो गया रफ्तार से सीढ़ियां उतरते हुए पैर फिसल गया और वहां नीचे गिर पड़ी। सर से खून बहने लगा पैरो से चलना दूभर हो र...

डोर विश्वास की : रक्षाबंधन

डोर विश्वास की : रक्षाबंधन

शिव आराधना का श्रावण मास आस्था और विश्वास के साथ ही प्रकृति के सुंदरतम श्रृंगार का मनभावन मौसम है। तृप्त धरा चारों और हरियाली की लहराती चुनर में इठलाती है। नदियों में ऊ...

महकते रिश्ते

महकते रिश्ते

रूद्र ने जैसे ही मम्मी से कहा वह अनन्या को पसंद करता है और उससे शादी करना चाहता है यह सुन पल भर को बेटे के बात पर काव्या को यकीन ही नहीं हुआ अपने शांत सौम्य बेटे से अचा...

महिला सशक्तिकरण

महिला सशक्तिकरण

आज जागतिक महिला दिवस है मुझे दो जगह महिला सशक्तिकरण पर भाषण देने जाना है इसलिए आज के सारे काम तुम्हें ही देखने होंगे कहते हुए विभा ने रसोई वाली को फोन लगाया। "समय देख र...

सृष्टि की धरोहर नारी

सृष्टि की धरोहर नारी

शक्ति स्वरूपा मॉं दुर्गा, ज्ञान बरसाती मॉं सरस्वती, धन-धान्य की समृद्धि देती माँ लक्ष्मी, और भंडार को भरा पूरा रखती मॉं अन्नपूर्णा। 
जीवनावश्यक सभी जरूरतों का स...

भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार

निशा अखबार में आज कुछ नई खबर आई है क्या जो इतनी आंखें गड़ाए पढ़ रही हो। कुछ नया नहीं है निखिल, पता नहीं हमारे देश का क्या होगा हर तरफ बस भ्रष्टाचार की खबरें प...

यात्रा

यात्रा

ट्रेन रफ्तार से दौड़ी जा रही थी और उसके साथ ही मेरे विचारों ने भी रफ्तार पकड़ ली अतीत में छुट्टियों के दौरान की गई यात्राओं के सुखद पल मानस पटल पर अंकित होते ही एक मीठी...

आभूषण | माँ-बेटी के रिश्ते और जीवन के सुंदर संदेश की कहानी | Adornment

आभूषण | माँ-बेटी के रिश्ते और जीवन के सुंदर संदेश की कहानी | Adornment

दुल्हन का लिबास पहने जैसे ही दर्पण में आभा अपना प्रतिबिंब निहार रही थी तभी मॉं ने कमरे में प्रवेश किया। आभा तुनक कर मॉं से कहने लगी "घाघरे का यह रंग तो मुझे पसंद ही नही...

बचपन की सीख | बच्चों को लौटा दो बचपन

बचपन की सीख | बच्चों को लौटा दो बचपन

बच्चे तो माटी के घड़ों से है उन्हें सही रूप में ढ़ालने का दायित्व अभिभावकों का है। आज व्यस्त जीवनशैली के चलते अभिभावकों के पास समय का अभाव पाया जाता है भौतिक संसाधनों क...

बच्चों को लौटा दो बचपन – आधुनिक पालन-पोषण पर एक विचारणीय कहानी

बच्चों को लौटा दो बचपन – आधुनिक पालन-पोषण पर एक विचारणीय कहानी

धिकांश अभिभावकों ने आज बच्चों का बचपन अपनी अभिलाषाओं के तहत रौंद दिया है साथ ही इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का भी इसमें पूरा योगदान है। परिवर्तन संसार का नियम है किंतु परिवर्त...

खुशियों के दीप – उम्मीद और संघर्ष की एक भावनात्मक दीपावली कहानी

खुशियों के दीप – उम्मीद और संघर्ष की एक भावनात्मक दीपावली कहानी

दीपावली जैसे जैसे करीब आ रही थी गेंदा का दिल बैठे जा रहा था, तीन वर्षों से अभावों के चलते वह अपने प्राणो से प्रिय बच्चों को मिठाई खिलाने में भी असमर्थ थी। चिं...

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