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अधिक मास में दान का महत्व | पुरुषोत्तम मास की तिथिनुसार दान सामग्री

अधिक मास में पूजा-पाठ, दान, जाप और आराधना का फल भी अधिक मिलता है। इसलिए अधिक मास में दान का अपना खास महत्व है, जिसमें तिथिवार दान का फल बताया गया है। माना जाता है कि लगभग एक महीने की इस समय अवधि में कुछ विशेष चीजों का दान करना बहुत शुभ होता है, इन चीजों का दान करने से घर में बरकत आती है और धन-धान्य में वृद्धि होती है। मान्यतानुसार इस दौरान दीपदान करना शुभ होता है।

पुरुषोत्तम मास की तिथिनुसार दान सामग्री :

* प्रतिपदा (एकम) के दिन चांदी के दीपक / पात्र में घी भरकर दान करें।     
* द्वितीया के दिन कांसे के पात्र में स्वंर्ण दान करें।     
* तृतीया के दिन सिके हुवे चने या चने की दाल का दान लाभदायी होता है।     
* चतुर्थी के दिन पिण्ड खजूर या खारक का दान करना शुभ होता है।     
* पंचमी के दिन गुड एवं तुवर की दाल इच्छानुसार दान में दें।     
* षष्टी के दिन तांबे का अगरजा का दान करें।     
* सप्तमी के दिन लाल चंदन का दान करना शुभ होता है।     
* अष्टमी के दिन अष्ट गंध और देशी कपूर का दान करें।     
* नवमी के दिन केसर का दान करें।     
* दशमी के दिन कस्तुरी का दान करना शुभ होता है।     
* एकादशी के दिन शंख का दान फलदाई है।     
* द्वादशी के दिन गोरोचन या गौ लोचन का दान करें।     
* त्रयोदशी के दिन घंटी या गुरु घंटाल का दान करना चाहिये।     
* चतुर्दशी के दिन मोती या मोती की माला दान करें।     
* पूर्णिमा के दिन माणिक तथा रत्नों को दान में दें।     
 



     

कृष्ण पक्ष -    

* प्रतिपदा (एकम) के दिन माखन और मालपुए का दान करें।    
* द्वितीया के दिन खीर बनाकर दान में दें।    
* तृतीया के दिन दही का दान करें।    
* चतुर्थी के दिन वस्त्र / कपड़ो का दान करना लाभदायी होता है।    
* पंचमी के दिन ऊनी वस्त्र / कपड़ो का दान करें।    
* षष्टी के दिन घी का दान शुभ होता है।    
* सप्तमी के दिन तिल-गुड़ का दान करना शुभ होता है।    
* अष्टमी के दिन चावल का दान करें।    
* नवमी के दिन गेहूँ का दान करें।    
* दशमी के दिन दूध का दान करना शुभ होता है।    
* एकादशी के दिन कसार (आटे की पंजीरी) का दान फलदाई है।    
* द्वादशी के दिन शहद का दान करें।    
* त्रयोदशी के दिन तांबे के पात्र में मूँग का दान करना चाहिये।    
* चतुर्दशी के दिन साड की चाँदी की पतड़ी का दान करें।    
* अमावस्या के दिन कासे के पात्र में मालपुए का दान फलदाई है।

पुरुषोत्तम मास में श्रीहरि विष्णु पूजन के साथ तिथि अनुसार दान करने से मानव को कई गुणा अधिक फल प्राप्त होता है। साथ ही इस माह कथा श्रवण का अत्याधिक महत्व है। मल मास में दिए जाने वाले दान-धर्म बड़ा महत्व है। तिथि के अनुसार के अलावा भी कुछ चीजों का दान बहुत शुभ माना गया है -

   

     

केलों का दान
केलों का दान -

भगवान विष्णु की पूजा-भक्ति करने के बाद केलों का दान करने से घर में शुभता आती है। केले को शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस महीने में केले का दान जरूर करना चाहिए।   

 

पीले वस्त्रों का दान
पीले वस्त्रों का दान -

पीले वस्त्रों का दान अधिक मास में पीले वस्त्रों का दान जरूर करना चाहिए। कहा जाता है कि पीले वस्त्रों का दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। विशेष तौर पर बृहस्पतिवार के दिन ये दान और अधिक फलदायक साबित होता है।   

 

नारियल का दान
नारियल का दान -

नारियल का दान परम पावन अधिक मास में नारियल का दान जरूर करना चाहिए। नारियल को श्रीफल भी कहते है तथा जिसमे देवी लक्ष्मी का वास होता है इसलिए इसके दान का महत्व ओर भी बढ़ जाता है |   

 

भोजन का दान
भोजन का दान -

भोजन का दान इस दौरान किसी जरूरतमंद को भोजन का दान करना चाहिए। माना जाता है कि जो इस महीने में भोजन का दान करते हैं उनके घर में कभी अन्न का भंडार खाली नहीं होता है। कहते हैं कि ऐसे लोगों के घर में हमेशा देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है। उसी आशीर्वाद की बदौलत घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।

किताबों का दान
किताबों का दान -

किताबों का दान अधिक मास में धन-धान्य और यश की वृद्धि चाहने वालों को किताबों का दान करना चाहिए। कहते हैं कि इस महीने में जो व्यक्ति गरीब और जरूरतमंद बच्चों को उनकी जरूरत की किताबें दान करता है उस पर भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी भी अपनी कृपा बरसाती हैं। इसलिए किताबों का दान जरूर करना चाहिए।

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