Bhartiya Parmapara

गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। 
माता जा की पार्वती पिता महादेवा ।। 
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।

एकदन्त दयावन्त चार भुजा धारी 
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी ।।  
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।

अंधन को आँख देत कोढ़िन को काया 
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया ।।  
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा 
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करे सेवा ।। 
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।

दीनन की लाज राखो,शम्भु सुतवारी।
कामना को पूर्ण करो,जग बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।  
 

        

          

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